October 2023 - Dr.Brieshkumar Chandrarav

Tuesday, October 31, 2023

THE BISMARCK OF INDIA.
October 31, 20231 Comments

दृढ मनोबल और समर्पण की अडिग शख्सियत...!

मा.सरदार वल्लभभाई पटेल

जीवन को कठोरतम आदर्शो से अडिग घाट देना साथ इतनी ही कोमलता से पू.बापू के स्वतंत्रता आंदोलन में समर्पित हो जाना दो अलग घटनाक्रम होने के बावजूद असहज हैं। अपनी प्रखरता को सरलता में ढालना असामान्य हैं। अपनी दृढता को दूसरें के हवाले करके सैनिकत्व को धारण करना मुमकिन लगता हैं क्या ?! नहीं लगता लेकिन जब एक ही मार्ग, एक ही दिशा और कर्तृत्व का आनंद साथ हो तो सब कुछ मुमकिन हैं।

The Bismarck

सरदार वल्लभभाई पटेल यानि संकल्प ! राष्ट्र ही राष्ट्र की परिकल्पना को  जीवन की हरेक सांस से झोड देना अकल्पनीय हैं। सरदार वल्लभभाई पटेल कठोलता की अद्भुत मिसाल हैं। उन्होंने अपने वैयक्तिक जीवन को बडी तपस्या से एक उत्कृष्ट आकार दिया हैं। "लोहपुरुष" की वज्रता धारण करके एक चरित्र को आकार दिया हैं। फिर भी दूसरों के लिए शालीनता पूर्ण विचार-वर्तन पू.सरदार पटेल की अद्भुत जीवन प्रणाली थी। "अपना कर्म राष्ट्र की सेवा" उनका जीवनमंत्र हैं। बापू के साथ वैचारिक एकत्व करते-करते अपने मूलभूत स्वभाव को बदलते- बदलते राष्ट्र की उन्नति में  जीवन का हरेक श्वास कर दिया।

गुजरात के एक छोटे से शहर में पैदा होकर पूरे भारत के लिए... भारत की अखंडता के लिए सपनें सजाएं और पूरा जीवन भारत मां को समर्पित कर दिया। अपने परिवार की परवाह किए बिना राष्ट्र हित को सर्वोपरी माना हैं।
अपने पुत्र और पुत्री को दमदार तरीके से जीना सिखाया। राष्ट्र कार्य  हमारा संस्कार हैं। हम राष्ट्र के लिए हैं। हमारी जरुरतें जीवनयापन के लिए ही हैं, हम जीवन गुजारा नहीं करते...जीवन फक्र से जीते हैं। बाकी सादगी में भी दहाडना भी चूके नहीं हैं। किसान और संघर्ष-पुरुषों की आगवानी करना, अंग्रेज को करारा जवाब देना सरदार की अद्भुत जीवनशक्ति थी। 
पू.बापू के विचार को स्थापित करना प्रसारित करना उनके जीवन की गति थी।

स्वतंत्रता आंदोलन के पश्चात भारत के विभिन्न रजवाड़ों का विलीनिकरण करना सरल-सहज नहीं था। अपनी कुनेह से तेजोमय प्रतिभा से ये कर दिखलाया। गुजरात के जूनागढ़ का नवाब शाहनवाज भुट्टो के दबाव में अपना राज्य पाकिस्तान में विलीन करना चाहता था। राज्य की बहुल प्रजा हिन्दु थी।  सरदारकी आगवाहीमें भारतीय सेना ने जूनागढ  प्रवेश किया "आरझीहकूमत" का दमदार प्रकरण सरदार जी के नाम हैं। हैदराबाद के नवाब की मनमानी भी न चली...आखिर भारत का अखंड आकार निर्मित हुआ। जिसमें लोकशाशन स्थापित हुआ।

आज पू. सरदारजी का जन्मदिन हैं। उनकी दूरदर्शिता एवं कार्य के प्रति जागरूकता से कई कार्य संपन्न हुए हैं। राष्ट्र उनका हरहंमेश ऋणी रहेगा।
भारत के बिस्मार्क सरदार वल्लभभाई को कोटी कोटी वंदन !!

आपका ThoughtBird.🐣
Dr.Brijeshkumar Chandrarav
Gandhinagar, Gujarat.
INDIA
dr.brij59@gmail.com
09428312234
Reading Time:

Wednesday, October 18, 2023

The time ⏲️  give us happiness sometime..!!
October 18, 20231 Comments

 The seeds growing slowly,

Its sleeps very well in the land.
The time flows...काल: प्रवहति..!

ईश्वर की अदृश्य सृष्टि में कईं घटनाएँ बडी धीरज से होती रहती हैं। कहीं न दिखाई देने वाली प्रक्रिया भी जब अपना आकार धारण करती हैं। हमारें सामने एक रूप सजकर दृश्यमान होने वाली घटना से हम अचंभित हो उठते हैं। ईश्वर की यही करामत को हम आध्यात्म कह सकते हैं। ईश्वर की दृश्य-अदृश्य, गुण-निर्गुण उपस्थिति भी कह सकते हैं। मैं तो घटनाओं की एक दृश्य की आकारितता का जिक्र करता हूँ। इसे आप अपनी मर्जी से भी समझ सकते हैं। एक ही बात सही हो सकती हैं और नहीं भी...!

The time


मुझे सबसे ज्यादा इस बीज के अंकुरित होने की घटना अचंभित करती रही हैं। एक छोटा-सा बीज धरती की गहराई में जाकर गिरता हैं। फिर कईं दिनों की गहरी नींद में पड जाता हैं। मिट्टी की सुगंध और भीनाश को महसूस करते हुए एक दिन अंगड़ाई भरते हुए अपने मुह को बहार करके...धरती की गोद में खेलने लगता हैं। दिन-प्रतिदिन अपने-आपको बढाते हुए... बडी लाजवाब हरियाली को लपेटकर...खुद को अनेकानेक में बांटते हुए !! ये एक बीज की कहानी हैं। दिखाई न पडने के बावजूद एक लंबी यात्रा हैं बीज के संवर्धन की ! मुझे इस यात्रा में बीज की अनंत- बेशुमार खुशियां भी अनुभूत होती हैं। समय के साथ बडी धीरज से ताल मिलाकर बीज अपने अस्तित्व के गीत गुनगुनाते बढते रहता हैं। काल: प्रवहति की अद्भुत घटना के साथ बीज की भी यात्रा !!

बीज की यात्रा फल के स्वरुप को धारण करने तक की हैं। ये क्रम शायद चलता है कभी अटक भी जाता है। अपने भीतर की उर्जा को छोड देने के बाद भला संवर्धित हुआ जाता हैं क्या ? बीजयात्रा की कहानी लाजवाब हैं, साथ धरती की खूबसूरती के संयोग की बात भी हैं। परस्पर के सत्व-तत्व को एकरूप करने की भी बात हैं। कमाल है प्रभु...!

मुझे ऐसा भी कुछ महसूस होता हैं। बेशक ये कहानी हमारी जिंदग़ी को भी प्रभावित करती हैं। समय के साथ मनुष्य मात्र का ताल-मेल चलता रहता हैं। सबके समय के साथ बडे तालुकात हैं भाई..! समय की गति को कभी हम पकडते हैं, कुछ लम्हों को अपने भीतर पालते हैं। समय पकड नहीं पाते, महसूस कर पाते हैं। समय दिखता नहीं फिर भी हम सब उनके इशारों पर ही चलते हैं, दौडते- भागते हैं। कभी खुशी कभी गम की तरह समय हमारे आसपास ही बहता हैं।

धरती के आंगन के हम भी छोटे से बीज ही हैं। हमारी अंगडाई हमारे सतत प्रयास के रुप में हैं। हमारी हरियाली कुछ पा-कर दुसरी आंखों की चमक बनना हैं। हमें भी बँट जाना हैं। किसी के दिल में किसी के दिमाग में..! ये समस्त को स्पर्श करने की बात हैं। ये जीवनयात्रा भी बीजयात्रा की घटना जैसी नहीं लगती हैं ? मैं कोई निष्कर्ष पर नहीं आता...मात्र एक विचार रखता हूं। ये महसूसी का बयान मात्र हैं !!

आनन्द विश्व सहेलगाह में आज समय की धीरी धडकन को सुनना हैं, तब कोई ह्रदय का धडकना बडा अच्छा लगेगा। ये बीज की अद्भुत यात्रा की कहानी को अपने-अपने अंदाज से पढना हैं। तब कोई सुहानी सफर कहानी बनें सामने खड़ी होगी...अपनी खुद की अंगड़ाई से..!! एक कहानी खुद बन जाए तो कैसा रहेगा !? 
मैं तो एक वाहक हूं ओर कुछ भी नहीं !!

आपका ThoughtBird 🐣
Dr.Brijeshkumar Chandrarav
Gandhinagar, Gujarat.
INDIA
dr.brij59@gmail.com
09428312234.


Reading Time:

Sunday, October 8, 2023

The knowledge and Ignorance.
October 08, 20230 Comments

Science is the father of knowledge,

But opinion breeds ignorance.

Hippocrates.

ज्ञान और अज्ञान के बीच से
प्रशंसा...सफलता एवं विफलता का जन्म होता हैं।


आज कुछ लिखने से पहेले ग्रीस के "हिपोक्रेट्स" के बारें में थोडी-बहुत जानकारी रखता हूं। जो मॉर्डन मेडिकल सायन्स के जनक हैं। एलोपैथिक मेडिसिन्स और ट्रीटमेन्ट के प्रणेता हैं।

Hippocrates considered to be the "father of modern medicine".because in his books, which are more than 70. he described in a scientific manner, many diseases and their treatment after detailed observation. He lived about 2400 years ago.

Hippocrates

विज्ञान अनुभव और तथ्य से झुडा है। विज्ञान प्रत्यक्ष ज्ञान से झुडा है, साथ ही अथक ऑब्जर्वेशन विज्ञान का आत्मा हैं। अनुमान और अभिप्राय से परे जो कुछ ज्ञान प्राप्त होता हैं उसे हम विज्ञान कहते हैं।

इसीलिए हिपोक्रेट्स कहते हैं, "विज्ञान ज्ञान का जनक है लेकिन मत अज्ञान को जन्म देता हैं।" अपने ही मत-अभिप्राय की श्रेष्ठता साबित करना मूर्खता हैं। विचार-अभिप्राय जीवन की फिलसूफी से प्रकट होते हैं। किसी दूसरें की प्रतिभा से भी अभिप्राय दृढ बनता हैं। इसमें तथ्य-सत्य की वैधता-वर्यता-श्रेष्ठता भिन्नभिन्न हो सकती हैं। फिर भी हम सत्य को तथ्य को ज्यादा पसंद करते हैं। स्पष्टता और तटस्थता की बात ही कुछ ओर होती हैं। विज्ञान इसी मार्ग पर चल रहा है, इसी कारण इससे हम अचंभित भी ज्यादा होते हैं। सही हैं ? साॅरी ये मेरा मत है एसा हरगिज़ दावा नहीं हैं। ये मेरा सहज निम्मित कर्म हैं।
Always human being likes fact. तथ्यों से हमारी पसंद एवं नापसंद झुडी हैं...तंतोतंत ! अनुस्यूत !

जीवन का भी एक विज्ञान हैं। मनुष्य जीवन ही एक दृश्यरूप तथ्य हैं। जन्म से लेकर मृत्यु तक का क्षण-क्षण का परिक्षण..! जीने के अद्भुत श्वास की दौड...बहतर बनने की होड...इसके दौरान जो आनंद मिले वो ही सत्य-तथ्य !! जीवन ज्ञान के बिना ठीक-ठाक नहीं कहलायेगा। जीवन भी अज्ञानता से कलुषित हो उठेगा।

जीवन को कैसे संभाला जाए ?
किस तरह की झडीबुटी से इसका संवर्धन किया जाए ?
कईं मत मतांतर से घिरे हुए हम क्या करें ?
भीतर की आवाज को सुनने को किसी एकांत की खोज कहां ?
कईं सवालों के समाधान के लिए कहां जाए ?

थोडी-बहुत बात मैं सोचता हूं। यहां प्रस्तुत करता हूँ। जैसे विज्ञान तथ्यों पर आधारित हैं, बाद में सिद्धांत स्थापित करना विज्ञान कर्म हैं। वैसे ही जीवन के भी प्राकृतिक सिद्धांत हैं। इसलिए जीवन भी एक अनोखे विज्ञान की भाँति हैं। "जीवनविज्ञान" का एकमात्र तटस्थ रसायन प्रेम ही हैं। एक अनमोल परमाणु की भाँति "प्रेमपदार्थ" की भी अद्भुत कीमत हैं।

जीवन की अद्भुत आनंदलीला स्नेह-लगाव-प्रेम-सख्य के साथ समर्थन
और समपर्ण से संभवत हैं। ईश्वर का "अद्वैतानंद" विद्यमान विश्व...! 'अद्वैत'अद्वितीय हैं। एकत्व का संदेश ईश्वर की अद्भुत परंपरा हैं, जीव-जगत का आधारभूत सिद्धांत !!  ईश्वर अदृश्य होकर भी अद्वैत को स्थापित करने हेतु प्रयत्नवंत हैं। कुछ तथ्य को पाने के बाद शायद जीवन की अमूल्य झडीबुटी, एकमत का रसायन, एकांत का आनंद और सवालों के समाधान हमारे भीतर हैं, ऐसा प्रतीत होता हैं।

जिस तरह विज्ञान की ज्ञान प्राप्ति की सफर खूबसूरत हैं, कल्पनातीत हैं। "जीवनविज्ञान" को अनुभूत करने की सहेलगाह भी दमदार बनें ऐसी शुभकामनाएँ !!

आपका ThoughtBird.🐣
Dr.Brijeshkumar Chandrarav
Gandhinagar,Gujarat.
INDIA.
dr.brij59@gmail.com
09428312234.



Reading Time:

Who is soulmate ?

  'आत्मसाथी' एक शब्द से उपर हैं !  जीवन सफर का उत्कृष्ठ जुड़ाव व महसूसी का पड़ाव !! शब्द की बात अनुभूति में बदलकर पढेंगे तो सहज ही आ...

@Mox Infotech


Copyright © | Dr.Brieshkumar Chandrarav
Disclaimer | Privacy Policy | Terms and conditions | About us | Contact us