प्रकृति का नियम...!! - Dr.Brieshkumar Chandrarav

Friday, November 25, 2022

प्रकृति का नियम...!!

प्रकृति का नियम !!

कुदरत, ईश्वर,प्रभु जो कुछ भी कहों। प्रकृति का सृजन करनेवाला, या विश्व की नियमितता का नियंता कहो। कोई तो अदृश्य शक्ति है जो इस संसार का नियमन करती हैं। ईसी शक्ति के नियम भी होंगे। शायद कुछ ईसी तरह के.... अनुमान है। कुदरत के सभी अंग सुरक्षितता से पारस्परिक अनुराग से दूसरे को पिडित किए बिना ओर समर्पित सहयोग से जिए। इस चैतन्य धरातल पर आनंद पूर्वक अपना जीवन विकसित करें। सृष्टि में कई येसे भी जीव हैं, जो अपना सामर्थ्य स्थापित नहीं कर सकते। उन सबको साथ में लेकर ईश्वर के आनंद को कायम करे। लेकिन जब ये कडी तूटती हैं तब कुछ अमानवीयता प्रकट होती है। 

विश्व में अलगाव और व्यक्तिहित या समूहहित की असमंजसता पैदा होने लगती हैं। बुद्धि कोई अनुचित लाभ मैं बहनें लगती हैं। एक ही उदाहरण देता हूँ। Naturalism प्रकृतिवाद या उत्क्रांति की सफर मे डायनासोर नामक प्राणी ने हजारों साल पहले लाखों करोड़ों जीवों का जीवन खतरें मे डाल दिया था। आज वो लूप्त प्रजाति में गिना जाता है। लेकिन हजारों सालों से हाथी जीवित है आज भी उसका अस्तित्व कायम हैं। क्योंकि इस महाकाय प्राणी ने अन्यों को पिडित नहीं किया है। उसकी अद्भुत शक्ति को हम सभी जानते हैं। 

बस ये लुप्तता की बात को याद रखकर हमें आनंद विश्व की सहेलगाह को ईश्वरीय अंश कि अनुभूति में जीवन जीना हैं। ममैवंशो जीवलोके जीवभूतः सनातन: ।। इस गीताकार कि योजना में संमिलित आपका डॉ.ब्रजेशकुमार 😊 💐 9428312234 

No comments:

Thanks 👏 to read blog.I'm very grateful to YOU.

Who is Care about you..!

  People who notice your silence, Care about you. जो लोग आपके मौन पर ध्यान देते हैं, वे आपकी परवाह करते हैं। एक गीत की कुछ पंक्तियां रखता ...

@Mox Infotech


Copyright © | Dr.Brieshkumar Chandrarav
Disclaimer | Privacy Policy | Terms and conditions | About us | Contact us