August 2023 - Dr.Brieshkumar Chandrarav

Wednesday, August 23, 2023

Art of Life..a real luxury of Life.
August 23, 20231 Comments
 Contentment is natural wealth luxury is artificial poverty. Socrates. जीवन से संसार और संसार में जीवन !! व्यक्ति और समष्टि..! हमसब की गति बस, इन्हीं दो शब्दों के अनुसरण में ही हैं। वैयक्तिक सुंदरता, श्रेष्ठता को स्थापित करने की दौड हैं। इस खूबसूरत खेल (जीवन) का मैदान सारी सृष्टि हैं। सारे संसार में हमारें करतब कैसे हैं? हम किससे बेहतर हैं ? हम ही सबसे ऊपर हैं, ओर पीछे हैं तो इन दिशाओं की खोज में निकलें की वो हमें सबसे बेहतर बनाएं।महान फिलसूफ...
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Monday, August 14, 2023

The nation is only nation.
August 14, 20231 Comments
 चिति का चैतन्य एवं विराट की शक्ति...! विश्व में सबसे सुंदर राष्ट्र की परिकल्पना भारतवर्ष के पास ही हैं।मानवसमाज की एक विराट स्वरूप में कल्पना एवं चिति यानि राष्ट्रमय चित्त की कल्पना...हमारे प्राचीन वेद ऋग्वेद में हैं। पंडित दीनदयालजी ने "एकात्म मानवदर्शन" की मानवीय परिकल्पना राष्ट्र के सामने रखी। राष्ट्र के प्रति एक नया अध्याय जुड गया। राष्ट के लिए भावनात्मकता एवं संवेदन से झुडाव महसूस होने लगा। राष्ट्र के प्रति चैतन्य का भाव पैदा हुआ। पंडित...
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Tuesday, August 8, 2023

A man is formed by RELATIONSHIP.
August 08, 2023 4 Comments
 Until Heart to Heart. मन से मन का बंधन सबसे उपर...!आखिर एक दौड बाकी हैं। सफर बडी सुहानी हैं। रास्ते गुमनाम भी हैं, सुनसान भी हैं। कहीं लगता हैं जाना है, कहीं नहीं जाने का मन..! मनुष्य के हृदय तक पहुंचना भी एक सफर तो हैं। सारें रास्ते खुले हैं, और बंध भी सभी हैं। उलझन सी मति हैं, लडखडाती गति हैं...फिर भी सफर सुहानी तो हैं ही !!बहुत बडे संसार में हमशक्ल तो कईं मिल जायेंगे, मगर एक हमसफर का मिलना थोडा कठिन सा हैं। नामुमकिन नहीं लेकिन मुमकिन का...
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Wednesday, August 2, 2023

Creative life looking gentle.
August 02, 20230 Comments
 रचनात्मक जीवन की सौम्यता लाजवाब ही होगी। कैसे बनाएं ऐसा चरित्र ? किसके पास से सिखे ? Creative बनते कैसे हैं ? विश्व में कईं फिलसूफों ने अपनी अपनी बात रखने का प्रयास किया हैं। जीवन-दृष्टि से जो कुछ सिखा, अपने अनुभव में जो कुछ ठीक लगा। व्यक्ति और समाज के लिए जो कुछ फायदेमंद लगा। उनको लगा की मेरी कहीं बातों से मानवीय मूल्यों का अवतरण हो सकता हैं। वैयक्तिक जीवनोत्कर्ष हो सकता हैं। ऐसी कईं बातों का, विचारों का संचरण कईं मानव निमित्तों से हुआ हैं।...
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FOCUS ON YOUR FUTURE..!

Rivers Never Go Reverse... So try to live like a river. Forget your past and FOCUS ON YOUR FUTURE..! A.P.J. Abdul Kalam.  नदियाँ कभी उल्टी ...

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