- Dr.Brieshkumar Chandrarav

Thursday, December 22, 2022

आनंदविश्व की सहलगाह को बहतरीन मोड देने के लिए चलों आसमान से बातें करे !!


आनंद होता हैं। सबके मन को हृदय को स्पर्श करने वालें शब्दों को जोडने का कार्य करते करते..!! आनंदविश्व की वैचारिक परिकल्पना के लिए कुछ विचार जोडने का कार्य करते करते..!! ईश्वरीय संभावनाए निहित है एवं निश्चित भी हैं। उसकी थोडी बहुत अनुभूति करके शायद ईश्वर को पसंद आए येसे विचार का निर्वहन कर्तव्य बजा रहा हूं।

ईश्वर के अलौकिक स्पर्श को अनुभूत करने का सबसे सरल और बेहतरीन उपाय प्रकृति के साथ अनुस्यूत होकर उससे बातें करना हैं। हमारे भीतर कुछ पागलपन को भी पालना होगा। आनंदविश्व की सहेलगाह के लिए पर्याप्त समय पर कोई संवेदन को अकेलेपन में महसूस करना चाहिए। भीड में भी अपने विचारों के साथ थोड़ी बहुत मस्ती कर लेनी चाहिए। ईश्वर शायद यही चाहते हैं की तूं अपने जीवन का भरपूर आनंद ले..! अपने काम की  सतत भागदौड के बीच थोड़ी आनंद वाली सांस तो ले..! अपने आसपास फैली हुई प्रकृति को देख तो लें। शक्ति का प्रयोग करते करते इश्वर की शक्ति के बारें में थोड़ा बहुत सोच तो सही। हम किस प्रकार के पागल है हमें पता हैं।

मैनें आसमान से बातें करने वाली बात कहीं सूनी थी। शायद ईशा फाउन्डेशन वाले सद्गुरुजी के पास..! आज हमें थामने को शुक्रिया आकाश..!! मेरे जीवन को एक ओर  अवसर देने के लिए शुक्रिया..!!   इस बात में मुझे काफी दम लगा हैं। विश्व नियंता कुछ येसी बात सुनने को बेताब होगा क्या ?? 

इस अद्भुत सृष्टि में सहजता से समझ विकसित करने व आनंद की प्राप्ति के लिए हमें उनसे बातें तो करनी होंगी। ईश्वर कहां है ? इस सवाल से दूर बस जहां आनंद की अनुभूति हो वहां उससे कुछ बातें करें बस !!  इतना ही !!

आनंदविश्व की सहेलगाह में कोई संवेदन-विचार-विमर्श या कुछ भी जो हमें आनंद दे उनके साथ चलना होगा। आपके साथ मैं तो बस तैयार ही हूं।
एक ओर विचार के साथ आपका सहेलगाही...!!
Your ThoughtBird 
डॉ.ब्रजेशकुमार ☺ 
Gandhinagar.
Gujarat INDIA 
09428312234 
dr.brij59@gmail.com 











2 comments:

Thanks 👏 to read blog.I'm very grateful to YOU.

Flying marvel...my fiction.

  नमस्कार दोस्तो...! मेरा ये उपन्यास मेरे जीवन में खुशियां की बौछार लेकर आया हैं। बाज पक्षी का संघर्ष मुझे पसंद आया और शुरु हुई कहानी...फ्ला...

@Mox Infotech


Copyright © 2025 | Dr.Brieshkumar Chandrarav
Disclaimer | Privacy Policy | Terms and conditions | About us | Contact us