१२मी जनवरी १८६३ मकरसक्रान्ती एक अनोखे महामानव का अवतरण उत्सव..!!
विश्व के सत्वशील लोगो के सामने दो ही शब्द Brothers and sisters का संबोधन करके और अपने हृदय के उत्कृष्ठ भावों को प्रकट करके कुछ ही पल में अपनापन स्थापित कर देने की जादुई शक्ति का संचार करने वाले स्वामी विवेकानंद...!!
आज उनका जन्मदिन हैं। केवल ३९ वर्ष की आयु में ४ जुलाई १९०२ में इस संसार को अलविदा कर दिया। स्वामी विवेकानंद यानी ज्ञान- उपासना का उच्चतम शिखर। विश्व के कल्याण हेतु एवं मानवता को एक नई पहचान देने को धरती पर आया हुआ एक अलौकिक महामानव स्वामीजी। बंगाल की सत्वशील एवं सत्यापन की भूमि का अनोखा इन्सान स्वामीजी।
भारतवर्ष की आध्यात्मिक चेतना को महसूस करके विश्व को मार्गदर्शन करने का अद्भुत कर्म स्वामीजी ने बजाया हैं। अपनी मेधाशक्ति और कल्याणक विचार दृष्टि से वो आज भी हमारें बीच विचारपुरुष के रूप में जीवित हैं। विचार नाशवंत नहीं हैं। विचार अक्षुण्ण हैं। विचार सत्वशीलता को स्थापित करता हैं। विचार की वर्यता-श्रेष्ठता मानव सृष्टि को प्रेममय बनाती है। ईश्वर स्वामी विवेकानंद जैसे आदर्श हमारे बीच भेजकर उनकी ही दृढता कायम करते हैं।
विश्व में स्वामी विवेकानंदजी के बारें में काफी कुछ लिखा गया हैं। विवेकानंद केन्द्र कन्याकुमारी द्वारा आज भी स्वामीजी के विचारोंको समाज में स्थापित करने का प्रयास हो रहा हैं। स्वामीजी का अद्भुत व्यक्तित्व आज भी हमें उनके विचारों के जरीए अचंभित कर रहा हैं।
महान ईश्वर समय समय पर ऐसे मानवों का सृजन करके मानवसृष्टि को मार्गदर्शन करतें हैं। आनंद विश्व की सहेलगाह के लिए स्वामी विवेकानंद जैसे कई मनीषीओं के विचारतत्व का स्वीकार करना चाहिए। बौद्धिक आनंद की वैचारिक सत्वशील गहराई स्वामी विवेकानंद जी के पथदर्शक विचारों में हैं।
जीवन की उडान को ध्येय एवं निश्चित लक्ष्य हासिल करने की मानव सहज कोशिश में ईश्वरीय ज्ञान रूप स्वामी विवेकानंद से विचारमैत्री संभव हैं क्या ?? हम सब संकल्प करे, थोड़ा-बहुत प्रयास करे की वर्षभर स्वामीजी के विचारमित्र बनकर कुछ पढना हैं।
Happy Birthday...awesome GYAN PURUSH.
Your ThoughtBird 🐣
Dr.Brijeshkumar Chandrarav
Gandhinagar, Gujarat.
India
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