EARTHMOTHER. - Dr.Brieshkumar Chandrarav

Tuesday, January 3, 2023

EARTHMOTHER.

The Earth is symbol of Reciprocable  LOVE. 
सारे संसार को धारण करने वाली हमारी पृथ्वी....!

ईश्वर के द्वारा संजोए हुए हरेक तंतुओं से परीवृत्त हमारी पृथ्वी। अधध जलराशी, जंगल-जमीन और मानव-पशु-पंखी एवं असंख्य जीव-जंतुओं के विस्मय से भरी हमारी प्यारी हमें संवर्धित करने वाली पृथ्वी माँ की सहस्त्र कोटी वंदना ।

विश्व की अद्भुत जीवसृष्टी को लाखों करोडों सालों से धारण करके उसका अविश्रान्त पालन कर रही हैं पृथ्वी माँ। कोई अकल्पनीय घटना से, सूर्य का एक धधकता अंश अवकाश में घूमता रहा। कई बरसों तक ये विशाल आकार नियंता की ख्वाहिश के मुताबिक अथवा कोई अनंत योजना के तहत घूमते घूमते निश्चित आकारित होता हैं। इस तरह हमारी धरित्री का अवतरण हुआ I इस तरह की भौगोलिक बातों से हम सभी अवगत हैं। सतत घूमने से या कोई विशिष्ट योजना के कारण यहाँ ज़ीवसृष्टि का वातावरण निर्मित हुआ।

ईश्वर के आनंदविश्व का निर्माण हुआ..!! उसकी तरासी हुई हर एक चीज अपना अस्तित्व बनाती गई। चेतन अचेतन सभी चीजों ने अपना कर्तृत्व कायम करना शुरू किया। पारस्परिक अवलंबन ये सृष्टि का प्राण तत्व हैं। और ईश्वर का पसंदीदा  आकलन भी। अदृश्य होने के बावजूद ईश्वर ने सभी तत्वों का संमिलित सम्मिश्रण नियमित रूप से स्थापित कर दिया हैं। इसके ताग़ को समज पाने के हमारे प्रयास आज भी पूर्ण रूप से असमर्थ रहें हैं। मनुष्य के रूप में हमने जो कुछ प्राप्त कीया है उसका आनन्द ओर अचरज !!  यही हमारी खोज संपदा !!  ज्ञान संपदा !!

 ज्ञान-विज्ञान एवं योग-आध्यात्म की हमारी मानव सहज प्रकृति रही हैं। विश्व के सभी देशों के मानवों ने यहीं सिद्धांत के तहत ही अपनी जीवनरीति को कायम किया हैं।विश्व में जो वैविध्य आकारीत हुआ ओर हो रहा है ये इसी नियंत्रित परिभाषा के कारणवश है।
असंख्य आकाशगंगाओ में हमारी तो एक मात्र पृथ्वी हैं। जहाँ हमारा जीवन हैं। जहाँ हमारे श्वास चल रहे है। जहाँ संबंधों का जगत हैं। रात है दिन है। उम्मीदों के आशियाने सजते हैं, जहाँ उत्सव हैं। जहाँ उडान है उजाश हैं। जहाँ सूर है संगीत हैं।

                    ईस धरातल पर आनंदविश्व की सहेलगाह को बहतरीन मोड देने हम तैयार ही है। क्योंकि यहाँ कही हर बात से हमसब अवगत हैं। बस ध्यान ईस बात का रखना है की हमें ईश्वर की अनंत संभावनाएँ महसूस करना है। मन को अच्छा लगें तो मन ही मन हँसना और Thanks Earth बोलना.!   मैं तो कब का तैयार हूँ।

Your thought Bird. 🐣
Dr.Brijeshkumar Chandrarav.
Modasa, Aravalli 
Gujarat,
INDIA.   
drbrijeshkumar.org
+ 91 9428312234 


No comments:

Thanks 👏 to read blog.I'm very grateful to YOU.

Bharat Ratna KARPURI THAKUR.

भारत के एक इतिहास पुरुष..! सामाजिक अवहेलन से उपर उठकर अपने अस्तित्व को कायम करनेवाले, स्वतंत्रता के पश्चात उभरे राजनैतिक चरित्र के बारें में...

@Mox Infotech


Copyright © | Dr.Brieshkumar Chandrarav
Disclaimer | Privacy Policy | Terms and conditions | About us | Contact us