A man is a bundle of the desires. - Dr.Brieshkumar Chandrarav

Monday, April 24, 2023

A man is a bundle of the desires.

 Hope embellish Heart and Heart embellish Peace...!!

आशाएँ हृदय की धडकन संवारती हैं और शांति आकारित होती हैं !!


मैने बचपन में सुना था। मनुष्य आशाओं की गठरी हैं। आशाएँ है तो जीवन हैं। जीवन हैं तो सबकुछ हैं। महान ईश्वर ने बडी करामाती से ये लाजवाब सृजन किया हैं। उस सृजन का आनंद ही हमारे लिए हैं। हरपल कुछ नई आशाएँ हृदय में उछलती हैं। उन आशाओं का मन-मस्तिष्क में स्थापित होना... साथ ही उसको पूरा होने तक का इन्तजार ही मनुष्य के जीवन का मूल तत्व हैं।

जीवन परिणाम गामित होना चाहिए। जीवन कोई लक्ष्यों के बिना गुजरता हैं तो समझो समय गुजर रहा हैं। दिन-महिने-साल गुजरते हैं। कोई खुबसूरत पल हमारे हाथ से फिसलकर गायब हो रही हैं। फिसलते लम्हों की दरकार और लम्हों को पकड कर जीने की चाह ही शांति का अहसास करवाने सक्षम हैं। हमारे हृदय में कुदरत ने मृत्युपर्यंत का "धडकन संगीत" बसा दिया हैं। उसकी बेहतरीन आवाज को सुनना हैं तो आशाओं के "ईयरफोन" लगाने पड़ेगे। तभी तो जीवनमंत्र के स्वर को हम सुन पाएंगे। ईस धरातल पर हर कोई "जीवनसंगीत" को सुनना चाहता हैं, महसूस करना चाहता हैं,उसके ताल पर उछलना चाहता हैं...नाचना चाहता हैं। जीवन की हर क्षण को जी जान से जीना चाहता हैं। हमारी ये मूलभूत चाह हैं !! आनन्द की चाहत...!!

सूरज रोज नई उम्मीदों के साथ धरती पर निकलता हैं। सूरज समस्त जीवों की उम्मीदें पूरी करने वाला एकमात्र स्रोत हैं। सूरज केवल उर्जा या प्रकाश का आधार नहीं हैं। सूरज आशाओं-उम्मीदों के साथ नई किरनों के साथ जीने का "जीवनस्रोत" हैं। मनुष्य के रुप में हमें प्रकृति में से ही जीवन का संचार मिलता हैं। सूरज "जीवनऊर्जा"का महापूंज हैं। सूरज "जीवनरंगो" का आसमान हैं, लेकिन-परंतु-किन्तु हमें अपने रंगों की उलझने परेशान करती हैं। कुदरत के पास से लिया हुआ रंग ही हमारी आशाओं को सामर्थ्यवान बनाने पर्याप्त हैं। मेरी उम्मीदों में भी किसी ओर के चेहरे की खुबसूरत मुस्कान हो। मेरी उम्मीदें दुनिया को कुछ नयापन दे। मेरे अपने आशाओं के "आनंदविश्व"में दूसरे के लिए भी प्रेम की फुहार हो...!! ऐसा माहोल खडा करने हम एक कदम भी तैयार है क्या ?
उम्मीदों के साथ पागलपन की आवश्यकता हैं... ये हरगिज न भूलें। 
😇
I Hopes not only for me...Hopes for all.

Your ThoughtBird 🐣
Dr.Brijeshkumar Chandrarav.✍️
Gandhinagar.
Gujarat. INDIA
dr.brij59@gmail.com
09428312234

2 comments:

  1. अच्छी बात है,किन्तु स्मरण रहे A man is bundle
    Of desires विदेशी अर्थशास्त्री एडम स्मिथ का
    चिंतन है । हमारा चिंतन इससे आगे भी है, इच्छा
    तृष्णा (काम) पर बहूत ज्यादा भार नहीं है,
    उपनिषद तेन त्यक्तेन भुंझिथा: कहता है।काम तथा अर्थ का उपयोग
    धर्म और मोक्ष की सीमा में रहकल करना चाहिए।

    ReplyDelete
    Replies
    1. Thanks for reading my blog but please it's comment by unknown person. so please give me your name 🙏

      Delete

Thanks 👏 to read blog.I'm very grateful to YOU.

Strength of words.

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