Non-violence is the Highest moral virtue : Lord Mahavir.
अहिंसा परमो धर्म की उत्कृष्ठ परंपरा के परंतप महावीर स्वामी को कोटी कोटी वंदन।
सिद्धांत स्थापित करना एक बात हैं। सिद्धांत का पालन करना दूसरी बात हैं। प्राय: ही सिद्धांत के पूर्णत: पालन की संभावनाए बहुत कम होती हैं।प्रकृति विश्व मूलतः ईश्वरीय सिद्धांत से ही संभृत हैं। मनुष्य के रुप में ईश्वरीय मार्ग प्रशस्त कर संसार को मार्गदर्शित करने वाले भगवान महावीर का आज चैत्र शुक्ल पक्ष त्रयोदशी को जन्मोत्सव हैं।
भगवान महावीर ने मोक्ष प्राप्ति के नियम स्थापित किए हैं। जैन धर्म जिन्हें पंच सिद्धांत के नाम से प्रस्तुत करता हैं। अहिंसा,अस्तेय,ब्रह्मचर्य,सत्य और अपरिग्रह। भगवान महावीर के अद्भुत विचार पर थोडा बहुत घोर करें। आज के उच्चतम संयोग का विचार आनंद महसूस करें।
😷 खुद पर विजय प्राप्त करो। क्योंकि यह एक चीज लाखों शत्रुओं पर विजय पाने से बेहतर हैं।
😷 हर आत्मा अपने आप में आनंदमय और सर्वज्ञ हैं। आनंद हमारे अंदर ही हैं इसे बाहर ढूंढने की कोशिश न करें।
😷 हर एक जीवित प्राणी के उपर दया करें। घृणा से केवल विनाश होता हैं।
😷 सत्य के प्रकाश से प्रबुद्ध हो, बुद्धिमान व्यक्ति मृत्यु से ऊपर उठ जाता हैं।
😷 ईश्वर का कोई अलग अस्तित्व नहीं हैं। बस सही दिशा में अपना पूरा प्रयास करके देवताओं को पा सकते हैं।
समांतर विश्व को मार्गदर्शन करने हेतु भगवद् शक्ति इस संसार में मनुष्य जन्म के निमित्त से अवतरित होती हैं। सर्व हितार्थाय एवं मनुष्य जीवन की गरीमा को मार्गदर्शित करने हेतु ही ये सब उत्कृष्टताएँ दृश्य संभावित होती रही हैं। जैन तीर्थंकरों की तपस्या का कोई मोल नहीं। चौबीस में तीर्थंकर के रुप में भगवान महावीर का संसार में संचरण हुआ। आज भी जैन मुनिओं की तपस्या पारंपरिक तीर्थंकरों के उपदेशानुसार ही प्रकट हैं। जीव-जगत की सूक्ष्मता पूर्वक संवेदना जैन धर्म के प्राण रूप हैं। संवेदन तो जगत का अनमोल आधार हैं। विश्व ऐसी संभव बहुमूल्यता से शांति व सदभावी परिकल्पना से संवृत हो सकता हैं !!
आनंदविश्व सहेलगाह की सक्षमता महावीर स्वामी के उपदेश से बहतरीन मोड पा सकेगी ऐसा विश्वास प्रकट करते हुए...
भगवान महावीर के जन्मोत्सव की अनेकानेक शुभकामनाएं।
🐣 Your ThoughtBird 🐣
Dr.Brijeshkumar Chandrarav.
Gandhinagar,Gujarat
INDIA
dr.brij59@gmail.com
09428312234.
Very nice 👍
ReplyDeleteNaman mahavir swami.
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