WIN AND EXPERIENCE. - Dr.Brieshkumar Chandrarav

Monday, February 5, 2024

WIN AND EXPERIENCE.

You stopped by success..!

but your journey never stopped by failure..!
जीत एक नशा हैं, जीत आनंद हैं।
हार भी जीत बन जाय उसे अनुभव कहते हैं
और ये सफर कभी रुकती नहीं।


"जोखिम लेने से मत घबराएं क्योंकि जीत होगी तो आप दूसरों का नेतृत्व करेंगे और हार हुई तो मार्गदर्शन..!" भारत की आत्म जागृति के उद्घाता स्वामी विवेकानंद जी का ये दमदार क्वाॅट हैं। स्वामीजी जो कुछ बोले दहाड कर बोले हैं। भाषा में दम तभी आता है जब ह्रदय की आवाज में दम होता हैं। और जब दमवाली बात हमेशा नये आयाम को जन्म देती हैं। जीत के पीछे दौडना बिलकुल जरुरी हैं।


जीत के लिए योजना, कडी महेनत,लगन,उत्साह और समर्पण वाला समय देना पडता हैं। जब तक व्यक्ति कोई लक्ष्य तक नहीं पहुँचता तब तक ये कडी तपस्या चलती ही रहती हैं। नित्य की कर्म साधना हैं। जब प्राप्ति हो जाती है, आखिरकार तय किये गए सफलता के मानांक तक व्यक्ति पहुंच ही जाता हैं। तब खूशीओं की बौछार...परम आनंदकी अनुभूति !! जिसे हम success कहते हैं, achievement कहते हैं। ये अथक प्रयास की जीत हैं। स्वाभाविक ही इससे आनंद होगा ही,साथ एक सफर का अंत भी..! व्यक्ति एक ही प्रकार की मेहनत से थक जाता हैं। अब उसे रिलेक्स मुड में जीना हैं। जीत का बेहतरीन जश्न मनाना हैं। इस सफर की थकान को दूर करना हैं। जीवन एक नए मुकाम पर अब चलने वाला हैं। लोगों की तारीफें- प्रशंसा- वाह-वाही एक नशा बन जाती हैं। उस नशे का आनंद ही व्यक्ति को एक ही जगह पर स्थिर कर देता हैं।

लेकिन उससे विपरीत कोई व्यक्ति बार-बार असफल होता रहता हैं। उनके प्रयास में भी कोई कसर नहीं थी। वो ही जज्बा वो ही रफ़्तार और कार्य के
प्रति सभानता भी। फिर भी कोई कारणवश व्यक्ति उस मुकाम पर नहीं पहुँचता जहाँ उसे पहुँचना था। उनके प्रयास भी उत्साह से भरें थे। शायद ईश्वर कुछ अपनी योजना के कारण उस व्यक्ति को अपनी पसंद से मिलवाता नहीं है। तब उसके पास एक मात्र अनुभव ही बचता हैं। और मानसिक सभानता वश वो व्यक्ति कोई दूसरें कार्यो में लग जाता है। मगर उसकी ये यात्रा कभी रुकती नहीं। उनकी एक भूमिका तय हो जाती हैं, वो एक अच्छा मार्गदर्शक बन जाता हैं।

एक जीता हुआ नेतृत्व करेगा। मगर एक सफर की दौड में पीछे रह गया वो नेतृत्व करने वालों की फौज खडी करेगा। क्योंकि उस व्यक्ति की सफर अभी रुकी नहीं हैं। वो चलता रहता हैं, साथ चलने वालें उनकी दिशानिर्देश व मार्गदर्शन से एक सफलता की परंपरा को कायम करती हैं। चाहत एक सफर बन गई ऐसा भी हम कह सकेंगे। उम्मीद हमारी वैयक्तिक भी होती हैं लेकिन कभी-कभार जब ये सार्वजनिक हो जाएगी, समस्त के लिए एक सपना बडा हो जाता हैं। परम की अद्भुत मिसालें खडी होती हैं। कुछ बनने का प्राप्ति करने का हौंसला अब सब का हो गया..!

इसका मतलब कुछ यु हुआ की "जीत" की बात में ही दम हैं। जीतने का जज़्बा ही एक से अधिक होने तक की यात्रा हैं। जोखिम लेकर कोई कोई लक्ष्य के पीछे पड जाता है, वहां जीतका माहौल तैयार ही हो जाएगा। ये युगों की परंपरा हैं। कोई जीत के ख्वाब सजाता हैं...किसीकी ख्वाहिश पूरी होती है किसी की ख्वाहिशें आसमान के तारों की तरह बिखर जाती हैं। और एक ख्वाब कई औरों का भी बन जाता हैं।

मुझे लगता हैं सपनों के पीछे दौडने वाला जोखिम लेनेवाला कभी नहीं हारता। हारता कौन है ? अब ये कहने की जरूरत नहीं लगती !! हैं ना !?

आपका ThoughtBird. 🐣
Dr.Brijeshkumar Chandrarav
Gandhinagar, Gujarat.
INDIA.
dr.brij59@gmail.com
9428312234

2 comments:

  1. हारने वाला , जीतने वाले से ज्यादा शीखता है।।।।।।

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Thanks 👏 to read blog.I'm very grateful to YOU.

Flying marvel...my fiction.

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