January 28, 2025
BY Brij Chandrarav
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"मैं चाहता हूँ कि आप किसी चीज़ पर ध्यान केंद्रित करें, चाहे वह कोई भी चीज़ हो, क्योंकि अगर कोई इंसान ध्यान केंद्रित रखता है, तो ब्रह्मांड उसे स्वीकार कर लेता है।"
● सद्गुरु
ध्यान एक क्रिया हैं। जीवन की अद्भुत क्रिया हैं। ध्यान के दो पहलू हैं। ध्यान का लगना और ध्यान का भटकना। दोनों की संभवना बराबर हैं। वैसे तो भटका हुआ ध्यान भी कहीं तो लगता ही हैं। इसलिए हम ये भी नहीं कह सकते। आज इस ध्यान को एक ही पहलू से समझे। ध्यान लगना एक सहज और स्वाभाविक घटना...