"सबकुछ आपके नियंत्रण में हैं !"
लुसियस एनियस सेनेका (४ ईसापूर्व- ६५ इसवी) रोमन स्टोइक दार्शनिक, नाटककार और लेखक थे। ये लॅटिन भाषा के रजत युग के लेखक माने जाते है। सबसे अच्छे दौर के व्यंग्यकार माने जाते हैं। सेनेका द यंगर, फिलॉसफर थे साथ बहतरीन राजनेता भी थे।
"सभी लोगों में से केवल वे ही फुर्सत में होते हैं जो दर्शन के लिए समय निकालते हैं, केवल वे ही सही मायने में जीते हैं। केवल अपने दिनों पर अच्छी नज़र रखने से संतुष्ट नहीं, वे हर युग को अपने साथ जोड़ लेते हैं। अतीत की सारी फसल उनके भंडार में जुड़ जाती है।" - द ग्रेट सेनेका
कई बार ऐेसे कुछ शब्द सुनने में आते हैं। फिर लंबी खोज में निकलना पडता हैं। स्थितप्रज्ञ अवस्था लग जाती है, पूरे दिन तक पागलपन सवार होते रहता हैं। और लुसियस एनियस सेनेका पढ़ने में आ जाते हैं। मन खुशहाल हो जाता हैं। फिर मन होता हैं, चलों इसे शब्दरुप देकर आप सब में बाँट दे। और ब्लोग का लेखन शुरु हो जाता हैं। निमित्त मात्र का आनंद प्रयास हैं। ठीक लगे तो, थोड़ीदेर मन की नज़र इन विचारों पर स्थिर करें। आनंद मिले तो "द ग्रेट सेनेका" को सलाम कर देना।
हममें से जो लोग वास्तविक दुनिया में अपना जीवन जीते हैं, उनके लिए दर्शन की एक शाखा बनाई गई है, "स्टोइकिज़्म"। यह दर्शन हमें अधिक लचीला, अधिक खुश, अधिक गुणी और अधिक बुद्धिमान बनाने के लिए बनाया गया है - और परिणामस्वरूप बेहतर इंसान, बेहतर माता-पिता और बेहतर पेशेवर बनाता है।
लुसियस एनियस सेनेका की अद्भूत फिलासफी इन दस वाक्य में देखे:
1) जहां तक हो सके खुद के साथ रहें, या ऐसे लोगों के साथ रहें जिससे आप कुछ सीख सकते हैं, अपने अंदर सुधार ला सकते हैं।
2) किसी समस्या का सबसे जरूरी पहलू उसका हल नहीं है। हल निकालते हुए जो ताकत मिलती है, वह सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है।
3) ऐसा नहीं है कि चीजें मुश्किल हैं, इसलिए हम हिम्मत नहीं करते। हम हिम्मत नहीं करते इसलिए की चीजें मुश्किल लगती हैं।
4) या तो रास्ता तलाशिए या खुद बनाइए।
5) सब आपके नियंत्रण में है। आप चीजों को आसान बना सकते हैं या मुश्किल या हास्यास्पद। चुनाव तो आपका ही होता है।
6) हम असलियत में कम, काल्पनिक रूप से ज्यादा दु:खी रहते हैं।
7) उस व्यक्ति से ज्यादा बदकिस्मत कोई नहीं जिसने कभी तकलीफ नहीं झेली। क्योंकि उसके पास खुद को आज़माने का साहस ही नहीं था।
8) आपने किसी को कुछ दिया है तो शांत रहें, लेकिन किसी ने आपको कुछ दिया है तो जरूर जिक्र करें।
9) डरते हुए पूछने वाले को अक्सर ना सुननी पड़ती है।
10) अपना सर्वश्रेष्ठ दें...वर्तमान का मजा लें और जो है उसमें ही खुश रहें। (स्रोत विकिपीडिया)
बस आज इतना ही, पढ़ें और नियंत्रित हो। जो हमारे नियंत्रण में उसका विचार करें। जो नियंत्रण से परे हैं उसका विचार करके निराश न हो।
आपका Thoughtbird 🐣
Dr.Brijeshkumar chandrarav
Gujarat, India.
dr.brij59@gmail.com
+91 9428312234
beautiful doctor
ReplyDeletelife is going with thought, thank you my friend
ReplyDeletesundar lakhan che, jivan ma kam lage tevi vat che.
ReplyDeletegood collection of thought salute saneca.
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