STARTING THE CHANGES. - Dr.Brieshkumar Chandrarav

Wednesday, March 5, 2025

STARTING THE CHANGES.

Falgun is glorious month of the nature.

फाल्गुन प्रकृति का गौरवशाली महीना है।

भारत प्राकृतिक वैविध्य के साथ मौसम के वैविध्य में भी अनूठा हैं। वैदिक परंपरा का वाहक भारत मनुष्य जीवन के नैसर्गिक जीवन को सहज ही विकसित करता हैं। ऋतुओं का बदलाव मनुष्य के मन-मस्तिष्क को सँवार ने का काम करता हैं। वैसे एक सत्वशील मौसम की बात करता हूं।

फाल्गुन मास हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष का अंतिम महीना है। वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है फाल्गुनमास..! इसे रंगों और खुशियों का महीना भी कहा जाता है। फाल्गुन मास से जुड़ी कुछ सुनी-अनसुनी बातें इस ब्लॉग में करते हैं।

Spring

फाल्गुन मास का नाम 'फाल्गुनी' नक्षत्र पर आधारित है। इस महीने की पूर्णिमा को चंद्रमा फाल्गुनी नक्षत्र में होता है, इसलिए इसे फाल्गुन कहा जाता है। ये प्रकृतिक बदलाव का महीना हैं। फाल्गुन मास में सर्दि का अंत और गर्मि का प्रारंभ होता है। इस समय प्रकृति में नए पत्ते और विविध प्रकार के फूल खिलने लगते हैं।  जिससे वातावरण मनमोहक बन जाता हैं।
फाल्गुन का धार्मिक महत्व भी बडा हैं। वसंत के आगमन में शारदा पूजन का विशेष महत्व हैं। शिवरात्रि पर्व के कारण पूजा-पाठ भी महत्वपूर्ण हो जाते हैं। होली के साथ ब्रजवासी कृष्ण को झोडकर रंगोत्सव मनाया जाता हैं। ब्रज में मनाई जानेवाली होली की तो बात ही निराली थी। राधा और कृष्ण के साथ गोप-गोपियों का नृत्य बडा ही सुहावना था। इसके चित्र से भी आज सब मोहित हो जाते हैं। भक्त प्रह्लाद की उपासना के साथ भगवान विष्णु झुडे हैं। इसतरह यह महीना भगवान कृष्ण और भगवान शिव को समर्पित है। एक मान्यता यह भी है कि फाल्गुन माह में चंद्रमा का जन्म हुआ था। इसलिए इस माह में चंद्रमा की उपासना का विशेष महत्व है। वैसे भी गर्मी के मौसम में शीतलता चंद्रमा से ही मिलती हैं।

एक महत्वपूर्ण बात होली की हैं। फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होली का त्योहार मनाया जाता है। हमेशा बुराई पर अच्छाई की जीत होती रही हैं। कुदरत का मूलभूत सिद्धांत प्रकृति बयां करती हैं। इसके साथ मनुष्य जीवन की गतिविधि झुडती हैं। इसे हम त्योहार कहते हैं। इसतरह ये त्योहार इसके प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। रंगों और खुशियों का अद्भुत साथवाला उत्सव होली हैं। इसलिए ये आनंद और उल्लास का भी महीना कहा जाता हैं।

हिंदु संस्कृति के गौरवशाली फाल्गुन मास का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत अधिक है। साथ प्रकृति के साथ जुड़ने और जीवन में खुशियाँ लाने का अवसर प्रदान करता है। जीवन का मकसद आनंद हैं। ईश्वर की सारीं योजनाएं मनुष्य जीवन एवं प्रकृति के समग्र जीवजंतुओं के हित के लिए ही हैं। ऋतुओं का बदलाव प्रकृति में बदलाव लाता हैं। और प्रकृति का फ़रमान हम सबके लिए होता हैं। हमारे मन पर उनकी गहरी छाप पड़ती हैं। हमारी सोच भी बदलती हैं। खानपान में भी काफी-कुछ बदलाव आते हैं। एक प्रकार की गति से दूसरे प्रकार की गति में जाना होता हैं। नई उर्जा से फिर एकबार हम भर जाते हैं।

हिंदु संस्कृति जीवन के आनंद और उल्लास की संस्कृति हैं। इसमें सबका समान अधिकार हैं। आनंद प्राप्ति की गति में कोई क्षति पैदा करना प्रकृति का ही अपमान कहलाता हैं। सबके आनंद को वंदन करता हूं।

आपका Thoughtbird 🐣
Dr.Brijeshkumar chandrarav
Aravalli, Gujarat.
India.
+91 9428312234
drbrijeshkumar.org
Dr.brij59@gmail.com 

2 comments:

  1. 👍🙏बहुत अच्छा लिखा आपने🙏

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  2. अरावली पर्वतमाला के आस पास के जो सरहदी गांवों में फागुन के महीनो का अदभुत महत्त्व बताया गया है
    फागुन का महीना अपने साथ ढेर सारी निराली परंपराएं भी ले कर आता है। होली तो फागुन के आखिरी दिन खेली जाती है, पर लोक गीतों यानी फाग की सुर लहरियों पर झूमने का दौर इसके पहले दिन से ही शुरू हो जाता है। देश के अलग-अलग हिस्सों में होली मनाने का तरीका बेशक अलग-अलग हो, पर आत्मा सबकी एक जैसी ही है- समाज को एक सूत्र में पिरोनेवाली मस्ती से सराबोर। फागुन महीना है।। 👍👍जे जे एस एल 👍👍

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Thanks 👏 to read blog.I'm very grateful to YOU.

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