"I have never betrayed you even in my thoughts." Dostoevsky.
"मैंने कभी अपने विचारों में भी तुम्हें धोखा नहीं दिया।"
The Idiot (1868-69) उपन्यास की बात ही कुछ ओर हैं। 'द रशियन मेसेंजर' जर्नल में 'द इडियट' की कहानी श्रेणीबद्ध प्रकाशित हुई थी। बड़ी ही लाजवाब कृति हैं। एक युवान राजकुमार अपनी सरलता- सहजता से मानो की खुले दिल से जीवन जीता हैं। उसकी निर्दोषता दुर्व्यवहार का सामना करती हैं। फिर भी दोस्तोयेव्स्की ने अपने पात्र को सकारात्मकता से भर दिया हैं। यहाँ एक अच्छे इन्सान का चरित्र उभर के आता हैं। सर्जक की यहीं खूबी होती हैं।
जीवन गजब की कहानी हैं। कोई लिखता हैं, कोई अनुभूत करता हैं। खुशी-गम, हर्षोउल्लास, क्रोध, असूया, सत्य-असत्य एवं आनंद की लहर में जीवन बहता रहता हैं। कोई जीवन को समझने में समय बर्बाद करता हैं। कोई अलौकिक रुप से जीवन को जीता है। "मैं ईश्वर की कुछ मर्ज़ी का साधन हूँ " ऐसा समझते हुए कोई आनंद करता हैं।
रात-दिन, खान-पान और स्त्री-पुरुष इसमें शायद सबकुछ आ जाता हैं। प्रकृति-जीवन और मानव व्यवहार तीनों से जीवन बनता हैं। जीवन के मर्म को अकारण ही समझ लेना भाग्य हैं। और जीवन में अच्छे लोगों की संगत प्राप्ति होना उससे भी बडा भाग्य हैं। 'स्वजन' मूलतः अपने होने चाहिए। अपने अपने ही रहें तो बेहतर हैं। और उसकी अनुभूति के लिए प्रेम करना पडता हैं। प्रेम को अपने भीतर ही पलने देना होगा। पूजा करके उसे संवर्धित करना चाहिए।
आईए, महान रूसी लेखक और दार्शनिक फ़्योदर दोस्तोयेव्स्की के जीवन की एक बात हैं। एक बार उन्होने अपनी प्रिया मारिया को लिखा था: "उस गली में जहाँ तुम रहती हो, उसमें तुमसे अधिक सुंदर नौ महिलाएँ हैं। तुमसे लंबी सात महिलाएँ हैं और तुमसे छोटी नौ महिलाएँ हैं। एक महिला है, जो दावा करती है कि वह मुझसे तुमसे अधिक प्रेम करती है। काम की जगह पर भी एक महिला मुझे हर दिन मुस्कुराकर देखती रहती है। एक अन्य स्त्री भी मुझसे बातचीत करने की कोशिश करती है। और रेस्तरां की वेट्रेस तो मेरी चाय में चीनी की जगह शहद डालती है...लेकिन फिर भी..!मैं सिर्फ़ तुमसे ही प्रेम करता हूँ।"
और विवाह के बाद....
मारिया ने एक समर्पित पत्नी होने का प्रमाण दिया था। उन्होंने उनके रोग, गरीबी, लंबी यात्राओं और अनुपस्थिति को सहन किया था। हर कठिनाई में मिस.मारिया दोस्तोयेव्स्की के साथ ही खड़ी रही थी।
जब वे मृत्युशय्या पर पड़ी थी, तब दोस्तोयेव्स्की ने धीरे से उनके कान में फुसफुसाया मतलब धीरे से कहा था : "मैंने कभी अपने विचारों में भी तुम्हें धोखा नहीं दिया।" (साभार सोशल मीडिया)
प्रसंग खत्म हुआ। बात बडे दार्शनिक के जीवन की हैं। इसलिए इतनी दिलचस्प नहीं हैं। बात उन पति-पत्नि के बीच के अनुराग की हैं। जीवन चलता तो रहेगा, लेकिन ऐसी संवेदन शील भावनाओं में बहता जाय तो ठीक हैं। उसका सौंदर्य बडा ही सुहावना होता हैं।
चलों, ऐसे सुहावनेपन की खोज में निकल पडे...!
आपका Thoughtbird 🐣
Dr.Brijeshkumar Chandrarav
Modasa, Aravalli.
Gujarat
India.
+91 8428312234
drbrijeshkumar.org
dr.brij59@gmail.com
Very Nice.
ReplyDeleteप्यारा सा ब्लोग डॉक्टर साहब धन्यवाद।
ReplyDeleteતમારામાં વાર્તા લખવાની સુંદર કલા છે અને તેમાંથી પ્રગટતી પ્રેમસંબંધ ની વાત પણ સુંદર મુકો છો. કૉન્ગ્રેચ્યુલેશન ડૉ.બ્રિજેશભાઈ
ReplyDeleteમોડાસાના એક પ્રખ્યાત ડેન્ટિસ્ટ અને વિચારક ડૉ.હરિભાઈ પટેલની મારા વૉટ્સ એપ પર કૉમેન્ટ.. તેને આપ સૌની સમક્ષ મૂકુ છું.
ReplyDeleteThank you very much. 😊
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બંને જણની એક મેક પ્રત્યે વફાદારી અને સમર્પણ એ જ જીવનનું ગૌરી શિખર છે.
વેદો પણ કહે છે કે કામ પાવિત્ર્ય અને અર્થપાવિત્ર્ય એ જીવનનો ટોચનો વિકાસ છે.
દોસ્તો યેવીસ્કી ને દિલથી સલામ.
A comment on my WhatsApp by Dr. Haribhai Patel, a famous dentist and thinker from Modasa.. I am putting it before all of you.
ReplyDeleteThank you very much. 😊
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The loyalty and dedication of both of them towards one cause is the pinnacle of life.
The Vedas also say that purity of sex and purity of means are the highest development of life.
Heartfelt greetings to friend Yevski.
एक महान रूसी लेखक थे
ReplyDeleteदोस्तोएव्स्की को उनके उपन्यासों और कहानियों के लिए जाना जाता है, जो अक्सर मानव मनोविज्ञान, नैतिकता, और समाज के मुद्दों पर केंद्रित होते हैं। उनके कुछ प्रसिद्ध कार्यों में शामिल हैं
दोस्तोएव्स्की की रचनाएं अपने गहरे मनोवैज्ञानिक विश्लेषण, जटिल पात्रों और समाज के मुद्दों पर उनके दृष्टिकोण के लिए जानी जाती हैं। वह एक महान लेखक और विचारक थे जिनका प्रभाव विश्व साहित्य पर गहरा है। प्रभाव था
Thanks...But write your name please 🙏
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