Preparation beats complaining.
"तैयारी शिकायत से बेहतर है !"Walk with your loved ones..! अपने प्रियजनों के साथ चलें। जीवन बहता हैं, उस बहाव में कईं साथ, दोस्त या प्रियजन के रुप में मिलते हैं। जिससे आनंद मिले वो याद रहते हैं, वो शख्स बार-बार याद आता हैं। ये हमारे जीवन के बहतरीन लम्हें बनकर भीतर में जगह बना लेते हैं। जीवन वैसे तो एक खूबसूरत सफर हैं। उस सफर को लाज़वाब बनाने के लिए कुछ तैयारी हमारी ओर से भी होनी चाहिए।
जो हमारे अधिकार में हैं, जो हम कर सकते हैं। उसके बारें में गंभीरता पूर्वक सोचना चाहिए। मैं भार देकर बोल रहा हूं.."जो काम हमें आनंद देता हैं, उस कार्य में किसी का सहयोग हैं। ये मनचाही डगर पर टहलने जैसी एक घड़ी हैं। उससे आनंद ही आनंद मिलता हैं। हमारे लिए वो काम ठीक हैं, उसी काम से मेरी पहचान होगी ऐसा अहसास मन में पालना होगा। तब वो संभावना बनकर उभरती हैं। इस आनंद के समय में प्रियजन से जुड़ाव बनाए रखे। उससे जीवन को उर्जा मिलती हैं। जो हम नहीं कर सकते वो नहीं करना हैं। मगर हम जो सहज रूप से कर सकते हैं वो काम करना जरुरी बन जाएगा। बारिश को हम रोक नहीं सकते लेकिन छाते से उसे रोक सकते हैं। नदी को बहने से रोकना एक स्वार्थपूर्ण विचार-व्यव्हार हैं। मगर उसके साथ बहते हुए अपनी मंज़िल तक पहुँचना बडी अच्छी बात हैं।
जहाँ तक पहुंचना हैं वो हमारा 'जीवनकेन्द्र' हमारा लक्ष्य हैं। उसके लिए संभव कोशिश करना हमारा कर्तव्य हैं। वैसे तो यही मनुष्य की कर्मशीलता हैं। कोई इसे भी करना नहीं चाहता उसके समय पर क्या कहें...? हमारी आज की डगर, हमारी आज की सोच हमारे इरादों में प्राण सिंचित करती हैं। इससे शिकायते अपने आप ही खत्म हो जाती हैं। और याद रखना होगा कि जिस काम से शिकायतें कम होती रहे। और नईं शिकायतें खडीं ही न हो, इसे मैं बहतरीन निमित्त कहता हूं। इसे हम भाग्य भी कह सकते हैं। प्रीपरेशन के आगे कम्प्लेन अपना सिर नहीं उठाती, ये भी सनातन सत्य हैं। अपने कार्य के लिए शुभकामनाएँ मिलना शुरु हो जाय या फिर अवहेलन बढ़ने लगे तो समझो रास्ता एकदम सही हैं।
जीवन में कठिनाई या समस्या ही न हो ऐसा भला होता है क्या !? और हर समस्या को सहजता से लेनेवाले लोग कितने होते हैं !? आज तो भ्रम पैदा करना, उलझने बढ़ाना तो एक स्टाइल बनी हुई हैं। इसलिए शिक़ायते कम होने के बावजूद ज़्यादा लग रही हैं। लोग उसे बढा चढ़ाकर पेश करके अपने तरफ ध्यान बटोर रहे हैं। जीवन को एक इवेन्ट की तरह जीया जा रहा हैं। सबको सेलिब्रिटी बनने का मन हो रहा हैं। अच्छी बात है, कुछ न कुछ तो करना ही चाहिए। मगर शिकायतें कम करना होगी, इससे हमारे कार्य के प्रति ध्यान केंद्रित होता हैं।
एक ओर भी सुंदर बात बताता हूं। मुझे वैयक्तिक रुप से अपनों की बातों में विश्वास ज़्यादा आता हैं। शिकायते भरे समय में अपने लोग इससे दूर रहे तो भी चिंतित होना नहीं हैं। संसार में अच्छे विचार से आगे बढ़ते रहे, अक्सर अच्छाई सामने आयेगी। ईश्वर ने सबके लिए एक अच्छा संबंध बना ही रखा हैं। ईश्वर ने ऐसे लोग अपनी अदृश्य भूमिका को निभाने के लिए ही निर्मित किए हैं। ये लोग कौन-से रुप में हो सकते है, ये अपने आप खोजने की बात हैं। कोई मिल जाए तो जीवन के लक्ष्य के प्रति तैयारी बहतरीन बन जाएगी। शिकायतें कम आनंद ज़्यादा मिल पाएगा।
चलो, उसे ढूंढने के लिए...जो, हमारे कल को सजाने की उम्मीद बना हैं !!let's go away and start your journey.
आपका Thoughtbird 🐣
Dr.Brijeshkumar Chandrarav
Modasa,
Aravalli, Gujarat.
INDIA
drbrijeshkumar.org
dr.brij59@gmail.com
+91 91 9428312234
हमारा दूसरों के प्रति लगाव या प्रेम या samarpan समर्पण या त्याग ए सब भावनाएं हमारे दिमाग से दिल जुड़ी हुई होती है
ReplyDeleteएक स्वाभाविक और महत्वपूर्ण भावना है जो हमारे रिश्तों को मजबूत बनाती है और जीवन को अर्थपूर्ण बनाती है। यह लगाव विभिन्न रूपों में हो सकता है जैसे कि परिवार मित्र प्रेमी या समुदाय के प्रति परिवार के सदस्यों के प्रति लगाव जो रक्त संबंध या विवाह से जुड़ा होता हैमित्रों के प्रति लगाव, जो साझा अनुभवों हितों और समर्थन पर आधारित होता हैरोमांटिक लगाव, जो दो व्यक्तियों के बीच गहरे भावनात्मक और शारीरिक संबंध पर आधारित होता है
लगाव हमें भावनात्मक समर्थन प्रदान करता है जो तनाव और चुनौतियों का सामना करने में मदद करता है लगाव हमारे सामाजिक संबंधों को मजबूत बनाता है जो हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
लगाव जीवन को अर्थपूर्ण बनाता है, क्योंकि यह हमें दूसरों के साथ जुड़ने और साझा अनुभवों का आनंद लेने का अवसर प्रदान करता है
अपने प्रियजनों के साथ समय बिताने का प्रयास करें
अपने प्रियजनों के साथ खुलकर संवाद करें और उनकी भावनाओं को समझने का प्रयास करें
अपने प्रियजनों का समर्थन करें और उनकी जरूरतों को पूरा करने का प्रयास करें
जेजेएसएल ✍️✍️✍️
સંસાર સારા વિચારોની માયાજાળ છે,જ્યારે માનવી મનને મજબૂત બનાવે છે ત્યારે સુખી બને છે...જય હો...
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