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Wednesday, October 22, 2025
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આનંદમન બંધુ-ભગિની, જીવનના એક ઉત્કૃષ્ટ પડાવે મારી વાત મૂકવાનો અવસર પ્રાપ્ત થયો છે. ધર્મ, સંસ્કૃતિ, આધ્યાત્મ, શિક્ષણ, અને સમાજસેવા સંદર્ભે વ...
આનંદમન બંધુ-ભગિની, જીવનના એક ઉત્કૃષ્ટ પડાવે મારી વાત મૂકવાનો અવસર પ્રાપ્ત થયો છે. ધર્મ, સંસ્કૃતિ, આધ્યાત્મ, શિક્ષણ, અને સમાજસેવા સંદર્ભે વ...
सादर अभिनन्दन,,
ReplyDeleteशिक्षा के साथ, डॉ आंबेडकर जी की बात,!
एक अदभुत संयोग की बात,,!
साथ में संघ की बात,यह भी आंबेडकर जी की शिखापन है शिक्षा है जो संघ ने स्वीकार किया है, संगठित होना चाहिए,,,,
कलियुग में सबसे बड़ी शक्ति संघ को माना गया है,
संगठन वैज्ञानिक भी हैं और शास्त्रीय भी, कैसे?
भौतिक जगत में कोई भी आविष्कार ईसी संगठन की वजह से है,हमारी अपनी संरचना भी ऐसे ही हुई है!
शिक्षा हमें जोडती है, संगठित करती है, भारतवर्ष भी एक ऐसा ही संगठन है, विविधता में एकता का यहां करीब सभी सभ्यताओं को विकसित होने का अवसर प्राप्त हुआ है, संसार की सभी संस्कृतियों को विकसित होने का अवसर प्राप्त हुआ है, शिक्षा के दो प्रकार है एक परा प्रकृति का ज्ञान और एक अपरा प्रकृति का ज्ञान जो जीवनशैली को लेकर मनुष्य को महामानव बनने की प्रेरणा देता है और परा शक्तिका का ज्ञान हमें अपने निज स्वरूप से मुल स्वरूप से साक्षात्कार कराता है, भारत वर्ष की महिमा वेदों में गाई है, विदेश के सभी प्रमुख प्रवासी और साहित्यिकों के साथ बड़े बड़े बुद्धिजीवियों ने भी महिमा गान किया है,,,
यहां जो शिक्षा, ज्ञान और विज्ञान दर्शन,आयुर्वेद, अवकाश विज्ञान खगोलशास्त्र और जीवन और मृत्यु से संबंधित रहस्यों का जो उदघाटन किया गया है पश्चिमी सभ्यता भी ईसकी महिमा गाती है,सिर्फ व्यापार या राजनैतिक मनशा से ही नही कई ऐसे लोग, सभ्यताए यहां आकर्षित होकर आए हैं जो हमें दिखाई नही देती है, हमें अपनी मर्यादा ओके साथ हमारी विशेषता ओका भी स्वीकार करना चाहिए, हमारे पास नालंदा विश्वविद्यालय, तक्षशिला विश्वविद्यालय वल्लभी जैसी विश्व कक्षा की संस्थाए थी,
जो आज भी ईसका पुनः निर्माण किया जा सकता है,और हो भी रहा है,कैवल दिवालों के रुप में नहीं कुछ आप जैसे, अर्थात जीते जागते विश्व विद्यालय एक शिक्षक और एक दार्शनिक राष्ट्र की बहोत बडी उपलब्धि है, आविष्कार है जो अपने भीतर *भारत एक खोज"जारी रखे हुए हैं,
भारत एक खोज,आज भी बहुत कुछ खोजना बाकी है,एक ऐसे भारतवर्ष का निर्माण जहां सोने की चिड़िया रहेती थी,
धन्यवाद,,
चंद्रकांत राठोड़,,,
Thanks Chandrakantbhai..🙏
ReplyDeleteyou are appreciate to me for your opinion.