कहानियाँ सच्ची हो या झूठी उसकी असर तो होती हैं।
क्यों होता है ऐसा..सोचा है कभी ?Narrative की कुछ डेफिनेशन रख रहा हूं। वैसे कहानी को हम कथा, स्टोरी, वृतांत, घटना, आख्यान जैसे शब्दों से जानते हैं। कहानियों का असर बड़ा लाज़वाब होता हैं। छोटे बच्चों से लेकर बुज़ुर्ग तक कहानी का आकर्षण रहा हैं। इसके कईं कारण भी हैं। हम सब उत्सुकता से भरे हैं। जिज्ञासावश और 'अब क्या होगा ?' जैसे सवालो का खिंचाव हमें कहानी की ओर सहज ले जाते हैं। धीरे धीरे कहानी के प्रति हमारा अनुराग बढता हैं। ये सभी के साथ होता आया हैं। युगों से रही यह परंपरा मनुष्य का मूलभूत स्वभाव भी बन गई हैं। हमारे भीतर की सोच भी..!
जहाँ भी ये तीन सवाल खड़े होंगे वहां से कहानी शुरु होगी।
ये कैसे हुआ ?
इसके आगे-पीछे क्या हुआ था ?
और अब क्या होगा ?
इन सवालों पर घोर किजिए तो पता चलता है। इनमें भूत-भविष्य और वर्तमान छिपे हुए हैं। इनमें जीवन हैं, इनमें कुछ सिखाने वाली बात हैं। कहानी के मूलभूत आकर्षण का यही सच हैं। देखते हैं कुछ व्याख्याएं;
The description of events in a story.
कथा में घटनाओं का वर्णन।
The process or skill of telling a story.
कहानी सुनाने की प्रक्रिया या कला वृतांत आख्यान।
कहानियां बड़ी ही रोचक होती हैं। आज तो कहानी तीन पहलूओं से अपना अस्तित्व बनाए बैठी हैं। कहानी को पढ़ना-सुनना और देखना भी संभव हुआ हैं। आज के दौर में हम फिल्म, सिरियल या वेब-सिरीज को भी कहानी ही मानेंगे। जहाँ घटना आकारित होती हैं वहां कहानी शुरु होती हैं। चाहे वो व्यक्ति-विचार या वस्तु को लेकर या विस्तार को लेकर चलती हो।
अब कहानी को घडने की बात आती हैं। घटना को घडा भी जाता हैं। एक शब्द अभी चल रहा हैं, 'नेरेटिव को सेट करना' यानि कहानी या वृतांत ऐसे बनाना के लोगों का 'माईन्ड सेट' अपने हिसाब से बनता चला जाए। कहानी की मूलभूत असर का ज़रिया बनाकर कुछ वैयक्तिक या सामूहिक स्वार्थ को पूरा किया जा सके। आज समाज इस भयंकर बिमारी में फंसा जा रहा हैं। किरदार को पैदा किए जा रहे हैं। वो एक माहौल खड़ा कर रहे हैं। लोग जिज्ञासावश उसकी असर में आ जाते हैं। एक ही बात का ज़िक्र एक दिन सच में बदल जाता हैं। ये कहानी वृतांत की असर हैं। कभी-कभार तर्क का भी अच्छी तरह इस्तेमाल होता हैं। मनुष्य की दौड को हल्के से मोड़ दिया जाता हैं। और जब एक ही दिशा में सब चलते या दौड़ते जाते हैं तो सच अकेला पड़ जाता हैं। कहानि जब झूठ का सहारा लेकर चलती हैं तो विनाश तय होता हैं। इसे व्यक्ति या समूह के विनाश से भी समझ सकते हैं।
आज के समय में सबसे अधिक राजनीतिक गतिविधियां नेरेटिव का दामन थामकर चल रही हैं। कईं स्वार्थ साधकों ने मनुष्य स्वभाव की रगों को पकड़ लिया हैं। रगों में दौडते खून के साथ विचार के संक्रमण को झड दिया हैं। सच्ची बातें कहीं पर खो रही हैं। इससे भयंकर मंजर दूसरा क्या हो सकता हैं। आज हम देखते हैं, विश्व को सही दिशा देनेवाले कईं राजनीतिक किरदारों को स्वार्थसाधकों द्वारा प्रेरित किया जा रहा हैं। एक कहानी बनाकर या फिर 'विचार सेटअप' तैयार करके विशाल जनमानस को ठगा जा रहा हैं। इससे संसार को क्या मिलेगा ? उस कहानी के इन्तेज़ार में भी कईं लोग हैं..? शायद उनके दिमाग में अंदाज भी चल रहे होंगे..! परिणाम ठीक आयेगा तो ईश्वर की सनातन कृपा बनी रहेगी।
आपका Thoughtbird 🐣
Dr.Brijeshkumar Chandrarav
Modasa, Aravalli.
Gujarat,
INDIA
drbrijeshkumar.org
Dr.brij59@gmail.com
+91 9428312234

ब्रीजेश
ReplyDeleteमैने आपका आर्टिकल पढ़ा ओर ऑडियो क्लिप भी सुना 👍👍👍मुझे बहुत आनंद मिला कहानिया हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग है
कहानीओ का प्रभाव हमारे जीवन पर बहुत गहरा होता है कहानियां हमें जीने का तरीका सिखाती हैं, हमें प्रेरित करती हैं और हमारे दृष्टिकोण को बदलने में मदद करती हैं
कहानियां हमें जीवन के महत्वपूर्ण सबक सिखाती हैं, जैसे कि संघर्ष, प्रेम और मित्रता
कहानियां हमें प्रेरित करती हैं और हमें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं
कहानियां हमें दूसरों की भावनाओं और अनुभवों को समझने में मदद करती हैं और हमें सहानुभूति की भावना विकसित करने में मदद करती हैं
ये कहानियां प्राचीन मिथकों और कथाओं पर आधारित होती हैं और हमें जीवन के महत्वपूर्ण सबक सिखाती हैं
ये कहानियां किसी व्यक्ति के जीवन के अनुभवों और संघर्षों पर आधारित होती हैं और हमें प्रेरित करती है
ये कहानियां हमारी कल्पना को बढ़ावा देती हैं और हमें नए विचारों और दृष्टिकोणों से परिचित कराती हैं
कहानियां हमें जीवन को समझने में मदद करती हैं और हमें अपने अनुभवों को समझने के लिए एक ढांचा प्रदान करती है कहानियां हमें भावनात्मक रूप से विकसित होने में मदद करती हैं और हमें दूसरों की भावनाओं को समझने में मदद करती हैं
मुझे उम्मीद है की
डॉ ब्रीजेश चंद्र राव के द्वारा भेजी गई कहानीका प्रभाव हमारे जीवन में भी पड़े
जे जे एस एल ✍️✍️✍️