Power of Life...! - Dr.Brieshkumar Chandrarav

Tuesday, August 26, 2025

Power of Life...!

 Strength is silent, flight is loud.

शक्ति मौन है, उड़ान जोरदार है।

पंछीओं में मुझे बाज़ पसंद हैं। सृष्टि के सभी जीवों की संघर्षगाथा अलग अलग हैं। सबको अपने संघर्ष होते हैं। और सबको अपना आनंद भी...! लेकिन बाज़ की बात ही कुछ और हैं। आज उनके बचपन की हकीक़त से वाकिफ कराने जा रहा हूँ। वैसे तो आप सब जानते हैं कि बाज के जीवन पर आधारित मेरी एक नॉवल प्रकाशित हुई हैं। "फ्लाईंग मार्वल" एक बाज की प्रेमभरी उड़ान...ऐसा उसका शिर्षक हैं। ये नाॅवल गुजराती और हिन्दी दोंनो भाषाओं में ऑनलाईन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं। बाज़ मुझे बेहद पसंद हैं। उसका कारण गीताकार का यह श्लोक भी हैं। श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय-१० विभूति योग का यह श्लोक भावार्थ के साथ पढ़े।

प्रह्लादश्चास्मि दैत्यानां कालःकलयतामहम् ।
मृगाणां च मृगेन्द्रोऽहं वैनतेयश्च पक्षिणाम् ॥१०-३०॥

भावार्थ : मैं सभी असुरों में भक्त-प्रहलाद हूँ, मै सभी गिनती करने वालों में समय हूँ, मैं सभी पशुओं में सिंह हूँ, और मैं ही पक्षियों में गरुड़ हूँ।


वैसे गरुड़ और बाज़ में थोडा-सा अंतर हैं। लेकिन शक्ति और गति की तुलना में ये दोनों एक ही है। उनका देखाव भी एक जैसा ही हैं। यहां मैं बाज़ को ध्यान में रखकर ब्लोग का विस्तार कर रहा हूँ। बाज़ की शक्ति साइलेंट होती हैं, मौन हैं। लेकिन उसकी उड़ान शानदार होती हैं। बाज़ की परवरिश में अच्छी ट्रेइनिंग का खास ख्याल होता हैं। बाज़ के बच्चे को उनकी माँ ही ट्रेइनिंग देती हैं। जब बच्चा घोसले के बाहर आकर थोड़े बहुत पंख फडफडाता हैं तब उनकी माँ को पता चल जाता हैं, की बच्चा अब उड सकता हैं। बच्चे को उनकी माँ खुद अपने पंज़ों से उठाती हैं। और आसमान में उड़ान भरने लगती हैं। काफी ऊंचाई के बाद वो बच्चे को पंजो की पकड से छोड़ देती हैं। छोटा-सा बाज हैरान हो उठता हैं। अपने पंख को सिकुड़ते हुए और अपने आप ही खुले हुए पंख से गभरा जाता हैं। वो निःसहाय तरीके से धरती की ओर आ रहा होता हैं। जब एकदम जमीन से टकराव की स्थिति आती है तब माँ उसे पंजो से पकड लेती हैं। ये नित्य होता रहता हैं। कुछ दिनों के बाद बच्चे में हिम्मत बढ़ने लगती हैं। उसे आसमान से प्यार होने लगता हैं। उसे माँ से मिले दिल-धड़क प्रशिक्षण से आनंद मिलता हैं। उसके हौंसले में विश्वास भरता हैं। विश्व के सभी सजीव सृष्टि में सबसे बेहतर शिक्षा बाज़ की होती हैं। फिर बाज आसमान का राजा कहलाता हैं। ऊँची उड़ान से उसे प्यार होता रहता हैं। आसमान उसका घर ही बन जाता हैं। मेरी नाॅवल का बाज बोलता हैं : "हम बाज, सीखनेवाले हैं इसलिए उडनेवाले हैं।"

जो सिखते रहता हैं वही कमाल करता हैं, धमाल भी..! सिखने वालों में एक दृष्टि आकार धारण करती हैं। उनकी क्रियाओं में बड़ा उछाल होता हैं। उसके इरादों में जान होती हैं। उनके रास्ते भले ही कठिनाई से भरें हो। संघर्ष के साथ वो गहराई वाला रिश्ता कायम कर लेते हैं। सफलताओं के मुकाम ऐसे तय किए जाते हैं। हौंसलो में जान होती हैं, उनकी उड़ान शानदार होती हैं। इसलिए बाज सबसे ऊपर हैं। सभी पंछीओं में वो राजा कहलाता हैं। बाज के जीवन का संघर्ष भी लाजवाब होता हैं। उसके बारें में कभी बात करेंगे।

मुझे बाज़ के जीवन से इतना समझ में आया हैं की जितना बड़ा संघर्ष उतनी बड़ी उड़ान..! संघर्ष से डरो मत, भागो मत, उसका डटकर सामना करो। फिर देखिए एक साफ-सुथरा, निडर चरित्र आकारित होगा। संघर्ष में डालने वालों को मैं सलाम करता हैं। क्योंकी एक होनहार चरित्र के निर्माण में उनकी प्रत्यक्ष भागीदारी होती हैं। विश्व के कईं ऐसे लोग हैं जिनको बेरहमी से प्रताड़ित किया जाता हैं। लेकिन प्रकृति के सिद्धांत के मुताबिक पीड़ाओं में से ही उत्तम इन्सान पैदा होता हैं। और ये सिस्टम चलती ही रहेगी। प्रकृति के कईं तत्वों या जीवंत जीव को देख लिजिए। कालक्रम ने उन्हीं के सामर्थ्यवान इतिहास को संगृहीत किया हैं। बाज की तरह संघर्ष को गले लगाते हुए...!

आपका Thoughtbird 🐣
Dr.Brijeshkumar Chandrarav
Modasa, Aravalli.
Gujarat, INDIA
drbrijeshkumar.org
dr.brij59@gmail.com
+ 91 9428312234







1 comment:

  1. मनुष्य और प्राणी सृष्टिके बीच वैसे तो भारी अंतर हैं एक बात सामान्य हैं ईन्की चेतनामे जो एक ही प्रकारकी उर्जा होती है लेकिन कुछ ऐसे भी जीव हैं जो हमसे अधिक बुद्धिमान माने जाते हैं ऐसा इसलिए कि हमारे पास इंद्रियों की अंतष्करणकी और मन बुद्धि चित्त और अहंकार जो सुक्ष्म रुप में विधमान होते हुए भी हम कुछ अपाहिज लगते हैं ऐसा क्यों? हमें उड़नेकी चलनेकी जीनेकी कुछ किमत लगती है ईन्हे कोई किमत नही लगती, हमें कुछ कागजात रखने पड़ते हैं हमें अपने अस्तित्व को साबित करना पड़ता हैं हम बिना कोई डोक्युमेंट यात्रा नही कर सकते हैं ये सारी मर्यादाएं विषमताएं हमें कमजोर अपाहिज साबित करतीं हैं, फिरभी हम संसार के सबसे बड़े बुद्धिजीवियों में गीने माने जाते हैं! गीता में योगेश्वर श्रीकृष्ण ने प्रकृतिके सभी प्रमुख तत्वों को सन्मान दिया हैं पैड पौधे प्राणी नदी पर्वत माह इत्यादि! ये सभी हमारे प्रेरणा स्त्रोत है और जिम्मेदारी भी जैसे हिमालय हमारी रक्षा करता करीब लाखों वर्षों से क़ायम है, यहां से निकलती पानी की धारा जो हजारों किलोमीटर दुर तक सभी क्षेत्रोंको समृद्ध करती हैं, बीच में आने वाली चट्टानोंसे भी रास्ता बनाती बही जा रही है यह संघर्ष कोई एक युगका नही है, यह एक लंबी प्रक्रिया हैं, मनुष्य ऐसे ही संघर्षके साथ आज ईस मक़ाम पर पहुंचा हैं जहां से एक ओर कदम उपर उठते ही एक ऐसी अवस्थाको प्राप्त होता हैं जहां से कुछ भी पानेकी आवश्यकता नही बचती है, संसार के सभी प्राणी सृष्टि में एक अद्वैत यात्रा क़ायम हैं जो ईसे आदि से अनादि की ओर ले आती है,गीताके एक एक श्लोक में यह तारतम्य ज्ञान बीज रुप में निहित हैं जो योगेश्वर श्रीकृष्णके महान चरित्रको शोभा देते हुए उत्तम पुरुष पारब्रह्म सच्चिदानंद स्वरुपके अंश आवेश बल से अवतरित हुआ है जो वेद पक्षका प्रतिनिधित्व करते हुए और ऐसा ही ज्ञान जो कतेब पक्षका प्रतिनिधित्व करतें हुए महंमद पेंगंबर साहबको शोभा देते हुए बेशक ईलम खुदाई ईलम जो एक ,अद्वैत महान अल्लाहके स्वरूपकी पहचान के साथ,संस्क्रुतिको जो आरब प्रदेश से संबंधित हैं,संघर्षकी महागाथा हैं,ऐसा ही एक ओर संघर्ष हैं, जो ईसा मसीह ईश्वर पुत्र की महागाथा संघर्ष की यह महागाथा प्राकृतिक,भौगोलिक,राजकीय, सामाजिक, आर्थिक स्थितिका दास्तावेज हैं,यह हमें हमारे संघर्ष को दुनिया के सामने ले आते हैं जिससे कि आनेवाली सभ्यताएं,नस्ले यह याद रखे कि आज हम जो सुकुन व शांति चैनो अमन की जिंदगी जी रहे हैं ईसके पीछे कोई महान शक्ति ने अपने हिस्से का संघर्ष खुब किया है,एक बाज जो मनुष्य से कम बुद्धि मान है-यह अपने बच्चे की परवरिश शिक्षा और अस्तित्व के लिए ईतना कठोर हो सकता हैं इसलिए कि जीवन का दुसरा नाम ही संघर्ष हैं, प्रतिकात्मक रुप से बाज है,यह कोई ओर नही है हममें से किसी एक की संघर्ष की महागाथा हैं,
    खुब खुब अभिनंदन सराहना के साथ,
    आपका ,चंद्रकान्त के.राठोड नडियाद गुजरात

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Thanks 👏 to read blog.I'm very grateful to YOU.

Power of Life...!

  Strength is silent, flight is loud. शक्ति मौन है, उड़ान जोरदार है। पंछीओं में मुझे बाज़ पसंद हैं। सृष्टि के सभी जीवों की संघर्षगाथा अलग अ...

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